वीरपुर /सुपौल:-
वीरपुर हवाई अड्डे के रनवे के विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर जिला मुख्यालय के अमीन टीम ने शनिवार को स्थल का मुआयना किया और लोगों से भी बातचीत कर जानकारी ली। जहां वीरपुर एयरपोर्ट के पूर्वी भाग में 1800 मीटर लंबे और 26 मीटर चौड़े क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण का कार्य किया जाना है। वही हाल ही में राज्य सरकार ने हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए लगभग 43 करोड़ रुपये की स्वीकृत कि है, इस राशि से 88.83 एकड़ भूमि अधिग्रहण पर खर्च किया जाएगा। जिसके बाद इस हवाई अड्डे को पूरी तरह से विकसित कर व्यावसायिक विमानों के परिचालन के लिए तैयार किया जाएगा। पहले यह रनवे की लंबाई 1200 मीटर थी उसे बढ़ाकर 3 किलोमीटर किया जायेगा। जहां वीरपुर मौजा से 24.87 एकड़, पिपराही नाग में 44.77 एकड़ और परमानंदपुर मौजा में 19.19 एकड़ यानी कुल 88.83 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया जाना है।जानकारी अनुसार बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा के दौरान वीरपुर में एयरपोर्ट की घोषणा के बाद एयरपोर्ट के रनवे को और अधिक बढ़ाने को लेकर प्रशासनिक क़वायत तेज कर दी गई है। मौके पर मौजूद ग्रामीणो एवं किसानों राजकुमार, रामप्रवेश मेहता, विरेन्द्र साह, गोपाल साह, राजेश मेहता आदि ने कहा कि सरकार हमारे जमीन का उचित मुआवजा दे। हम लोगों के पूर्वज यहा सौ वर्षों से रह रहे हैं लेकिन सर्वे करने आई टीम ने कहा की जो यहां गैररइयत भूमि है उसे मुआवजा नही मिलेगा। इसको लेकर सभी किसान काफी चिंतित हैं। इसी जमीन का हम लोग रसीद कटवाते हैं। इस जमीन पर पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं बावजूद इसके सर्वे की टीम कह रही है कि यह गैररइयत भूमि है। 2008 में आई कोसी त्रासदी में यहा भारी तबाही आई थी और यह जमीन नदी में तब्दील हो गया था, जिसे किसानो ने मिट्टी भरवाकर जमीन अओ उपजाऊ बनाया था, आज उसी जमीन से सरकार हमे जबरन खधेर रही है। हम लोगों की मांग है कि हमारे का हमे उचित मुआवजा मिले। वही सर्वे करने आई जिला भू-अर्जन अमीन विश्वंभर प्रसाद विश्वास ने कहा कि रैयत के दखल की स्थिति के अनुकूल नाम लिखा जा रहा है कि किसका जमीन कितना जा रहा है। जिनका घर-मकान, वृक्ष आ रहा है उन्हें भी लिखा जा रहा है। सर्वे के बाद गजट निकाला जाएगा। साथ ही कहा कि वर्तमान रैयत अपना अपना आपत्ति भी दर्ज करा सकते हैं।
