चिन्मय दास के समर्थन में कोलकाता में 28 नवंबर को हुई रैली की एक तस्वीर
तीन दिसंबर को बांग्लादेश के चटगांव की अदालत में सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय दास की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान के उनकी तरफ़ से कोई वकील पेश नहीं हुआ.
चिन्मय दास को 26 नवंबर को चटगांव के कोतवाली थाने में दर्ज देशद्रोह के मामले में कोर्ट में पेशी के बाद गिरफ़्तार कर लिया गया था.
अब ऐसे आरोप लग रहे हैं कि धमकियों के कारण कोई वकील चिन्मय दास को डिफ़ेंड करने के लिए सामने नहीं आ रहा है. लेकिन चटगांव बार एसोसिएशन ने किसी वकील को धमकी देने की बात से इनकार किया है.
मौजूदा पृष्ठभूमि में चटगांव की अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई एक महीने के लिए टाल दी है. अब इस पर दो जनवरी को सुनवाई होगी.
70 हिंदू वकीलों को अभियुक्त बनाया गया
बीते 26 नवंबर को चिन्मय कृष्ण दास की पेशी के दौरान हुई हिंसा, तोड़फोड़ और एडवोकेट सैफुल इस्लाम आलिफ की मौत के बाद दायर एक मामले में 70 हिंदू वकीलों को अभियुक्त बनाया गया है.